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Today's special

Chandrasheela

सैरकर दुनिया की गाफ़िल, जिन्दगानी फिर कहाँ जिन्दगानी गर रही तोह, नौजवानी फिर कहाँ। - ख़्वाजा मीर दर्द घुमक्कड़ी मानव जीवन का सदा से अभिन्न अंग रहा है, आज भी तमाम घुमक्कड़ हैं जिन्हें दुनिया जमाने से कोई सरोकार नहीं, किसी बात की चिंता नहीं और अगर है भी तो केवल इस बात की कि आगे कहाँ जाया जाएगा। वही उनकी भक्ति है वही उसका भगवान है, यही उसके भगवान कि पुजा अर्चना इबादत सबकुछ यही है। दुनिया में तमाम महान घुमक्कड़ हुए, बल्कि सभी महान इन्सानों के अंदर एक घुमक्कड़ी कि जिज्ञासा होती ही है, मैं गलत हो सकता हूँ, पर अब तक का मेरा अनुभव यही कहता है कि जो जितना घूमा है उसने उतना ज्ञान प्राप्त किया है और उससे कहीं ज्यादा अपना ज्ञान बांटा है। हम यहाँ उनमे से किसी का ज़िक्र नहीं कर रहे हैं, यहाँ ज़िक्र है तो कुछ दोस्तों का जो घूमने निकले। विमल,आशीष, बंडुल, बरनवाल, रस्तोगी, भास्कर और मैं। भले ही आज के यातायात के साधनों कि सुगमता ने घुमक्कड़ी को सहज बना दिया है  fir bhi  ये kaam इतना आसान है नहीं, सभी घूमना चाहते हैं पर अगर स्तटिस्टिकल (statistical) अध्ययन किया जाए तोह 'घूमने का सोचने'

तुमसे मुहब्बत है।

बस तुमसे इतना ही कहना चाहता हूं कि हाँ, तुमसे मुहब्बत है।  कभी कम कभी ज्यादा रहा है एहसास इसका पर ये तोह तय है कि तुमसे मुहब्बत है।  कई बार कोशिशें किं की तुम्हें बात सकूँ कि कितनी तुमसे मुहब्बत है। कई दफ़े नाराज़गी के दौर हुए, पर कभी नाराज़ ज्यादा रह न सका, तुम्हें खोने का ज़िक्र भी नकार दिया, क्यूंकि तुमसे मुहब्बत है। कई बातें तुमसे कहने की हुईं, पर कभी कह न सके, आज भी कोशिश की थी पर रह ही गए, सोचता हूँ कि ऐसा क्यूँ है, शायद इसलिए कि तुमसे मुहब्बत है। ज़माने भर से छुपते छुपाते रहे, बेमतलब ही हम शर्माते रहे, आज भी कोई ज्यादा न हुआ है, बस खुमारी में कुछ उन्स हुआ है, अब किससे कितना छुपाते फिरें लो आज कह देते हैं, की तुमसे मुहब्बत है। बड़ी बड़ी बातें कहने को जी चाहता है, कुछ कर गुज़र जाने को जी चाहता है, ये सब तुमसे बताने को जी चाहता है, इसीलिए की तुमसे मुहब्बत है। हज़ार शिकवे तुम्हारे, हज़ारों गलतियां मेरी, तमाम जुर्ररतें तुम्हारी, कई अल्फ़ाज़ भी मेरे,  दिल ए नादां को मनाते, उसे बस इतना बताते, क्यों पाली इतनी फ़ज़ीहत है, क्योंन कहते कि मुहब्बत है। आज बस इतना है कहना, तुम्हारी हर खुशी हर बात, तुम्हारी

इक दफ़े

Ek dafe tut ke chaha hai tumhe, Ek dafe pana bhi chaha hai tumhe, Ek dafe yakin dilana hai tumhe, Ek dafe dil ye dikhana hai tumhe, Kya hain ehsas batana hai tumhe, Pyar hai ya hai muhabbat,  ye batana hai Ek dafe.

याद

दिल डूब जाए तोह क्या हो, गर तेरी याद आये तोह क्या हो, यूँ जले के दिल ए अंगार हो, सुकूँ आये की तेरा दीदार हो, कुछ कर गुजर जाएं के यलगार हो, तेरी चाहत में आशना यूँ हुए, मानो एक तू न हो, परवरदिगार हो।

क़बीर - क्यूँ?

गुस्ताख़ी माफ! क़बीर एक नाम के तौर पर जाना जाने वाला शब्द है,  मेरी समझ से यह नाम धर्मनिरपेक्ष है जो लगभग हर समुदाय में रखा जाता है। इसके अतिरिक्त क़बीर शब्द सन्त क़बीर दास जी के कारण बहुत प्रचलित हैं जो हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध संत और कवि थे। इसके अतिरिक्त सम्मानित व्यक्ति को भी क़बीर की संज्ञा दी जाती है व भारत में मनाए जाने वाले एक त्यौहार होली में गाया जाने वाला एक गीत भी  "क़बीर" नाम से जाना जाता है परन्तु विशेषकर यह शब्द केवल संत क़बीर जी के कारण प्रचलित है जिन्होंने 15 वीं सदी में अनेकों दोहे लिखे जिनका हिंदी साहित्य पर बहुत अधिक प्रभाव है। अन्य अर्थ : महान: वह व्यक्ति जिसने अपने कार्य के कारण महानता को हासिल किया है क़बीर कहलाता है। बुजुर्ग: एक आयु के बाद वृद्धावस्था को भी क़बीर शब्द से सम्बोधित किया जाता है। सम्मानीय: वह व्यक्ति जिसे समाज मे सम्मान मिला है व जो सम्मानीय होता है क़बीर कहलाता है। पर ये सब लिखने के पीछे वजह क्या है? दरअसल हमारे कुल के चश्मोंचिराग़ का जन्म हुआ जिनका नाम रखा क़बीर(क नुक्ते के साथ), बच्चा अभी एक दिन का भी नहीं था पर नामकरण एक अरसा

साहब का बिज़नेस प्लान

 बिज़नेस प्लान भरी जवानी में  सरकारी मुलाजिम हुए साहब को कई बरस हो चुके थे, जनाब सरकारी मुलाजिम रह कर उकता गए थे,और उकताते भी क्यूं न जब जवानी की सीढ़ियों  पर पहुचे भी नही थे कि यु. पी. एस. सी. की कनिष्ठ सेवा में अधिकारी हो गये वो भी पहले ही प्रयास में। बड़े दिनों से लहर चल रही थी एंटरप्रेन्योरशिप की। आस पास के लोगों को देख कर भी मन में बड़ा उमंग होता रहा। कुछ दिन पहले ही दफ्तर में, बड़े बाबू बेटे के नाम पर बड़ी बर्गर कंपनी की फ्रेंचाइजी मिलने की मिठाई खिला गए थे। मध्याह्न भोजन में वहीं से खाना भी आ रहा था। दफ़्तरी की फोटोकॉपी की दुकान पर किसी को कहते सुना था कि बड़े साहब भी अपनी पत्नी के नाम से कोई बड़ा स्पा खोल लिए हैं। अब साहब को सभी साथियों के चेहरों पर सुकून दिखने लगा था। नौकरी में दिन ब दिन बढ़ती तकलीफ़ के बीच सभी ने एक वैकल्पिक व्यवस्था कर ली थी। सभी लगभग यही सोच रहे थे कि इस नौकरी के भरोसे रहे तोह न सुकून से नौकरी कर पाएंगे न जीवन में आगे ही कुछ कर सकेंगे। बड़े दिनों तक विचार मग्न रहे, पत्नी से भी बातचीत की। कुछ मित्रों से बात करके निष्कर्ष निकाला कि व्यापार करने के लिए बड़ी सारी

अंकल की दुकान

आज अंकल की दुकान से गुजरा । दुकान का शटर बंद मिला, बहुत दिनों तक ढूँढता रहा पर अंकल से भेंट भी नहीं हुई। कुछ जानकारों से मालूम हुआ की अंकल ने दुकान बंद कर दी है और कहीं और चले गए हैं। अंदर से बड़ी मायूसी महसूस हुई, वो कोई मामूली दुकान नहीं थी वो थी हमारे अंकल की दुकान वैसे तो वो कभी भी महसूस नहीं कराते थे की वो कोई अंकल हैं। हमेशा ही बड़ी आत्मीयता से मिलते थे, जैसे कोई बहोत पुराना याराना हो। जितने अच्छे अंकल उनसे कहीं ज्यादा प्यारी उनकी दुकान। अमा अंकल की क्या वो तो हमारी ही दुकान थी वहाँ रहते-रहते कुछ इतना ज्यादा समय बीत जाता था की कभी मालूम ही नहीं होता था की ये अंकल की दुकान है की हमारी । वहीं से हमारी शुरुआत होती थी। जब कभी भी दोस्तों से मिलना होता था तो दिमाग का जीपीएस एक ही जगह टैग होता - अंकल की दुकान । वहीं  दुकान के सामने शकुंभरी कॉम्प्लेक्स की रेलिंग पर बैठे बैठे दुनिया भर मे घूमने के प्लान बनते थे और बीच बीच मे कोई न कोई भूखा कुक्कड टपक पड़ता था और मोमो, मैगी कोल्डड्रिंक चाय के दौर चला करते थे । सर्दियों मे कॉफी भी बहुत आजमाई जाती थी। उसी दुकान के सामने उस रेलिंग पर जाने क
ashq The Dove of pristine eyes, Knows no form of lies, Dews of love united Left shore- Delighted. Lacrimones* worked extra too much Flow of feel gave extra too grudge Rain drops are celestial How her eyes had it's custody OH! That drop! Why it left it's adobe. Those beautiful eyes are beyond above The trail on her cheeks it left, Left behind epics of pain. The heartfelt feelings It could drain, I wish I were the sea Which embraces the rivers And drops to end the suffering train. *Lacrimones glands

Friendship Day

Hi! guys, Here is something I wanna tell all my chums though we have had involvement in lot of funny incidences, funny moments and did a lot of Kaand(s), Out of them I am sharing my precious memoirs which repeatedly come to my mind. Here is my say guys. Happy reading... Rahul- It was december of 2005. We were so worried about Board exams. Actually I was worried too much and why not? Pass hone ke lale pade the yaar . We had a long discussion and he assured me that we'll pass the exam and we did and that too meritoriously, at least he did. I feel that it was a remarkable moment that made me study from thereon.                          Amit - You are a bitch! We have had a lot of lovely moments together but that emotional talk we had on Jatar-Ghat. Whenever I recall of it I feel, Were we drugged or something? Was that us? Haha!! ( I know you remember that don't you). and remember, You are a bitch love. Shivang- Remember those reclining chairs and terrace garden

Kuwanra Baap. LOLZ...

As I stepped in 23rd year of my life, it provided me with a beautiful gift, a twenty year old daughter. I know its quite complex and way beyond limits of understanding. She is not my real daughter but in reality she is. Destinies bring you what you truly deserve so destiny brought us together through a friend circle, she is one of my friend's treasured room mate. Her name is Fubu. Her personality is well equipped with every girlie ingredient from cuteness to beauty, from melodious voice to marvelous grace, from sense of humor to sense of responsibility. She is a girl who makes everyone happy. She spreads smile and brings a proud feeling. I call her Baccha, and I feel it too.  I've seen my dad, my uncles and Tau ji's as fathers of my Manthra Sisters. I've seen their love for each other. I've read emotions in forwarded messages about a daughter's love towards her father too but never in my life I had thought of having experience of being one so early. It is

A letter to my Friends.

To  My Dear Friends Subject::- A lot like love. Dear all Hey! Guys.  Where to start with. Let me start it by narrating about how I am feeling right now. You know when I am writing I feel like I have been blessed till date that I got a good number of friends in every walk of my life starting from my school days till where I stand now. First thing first. Rahul. He was, is and I am sure, will always be my support entire my life. He has always been a brother figure for me. Though we get lesser time together but our bonding is an incessant line of trust. Amit. Well! a man with brains. Had he been listening to me now I would have never said all this on his face but may be I'm feeling like a drunk so I dare to punch all the shit coming to my mind. He was the one who has always been my motivation behind studies. Only I know how bad a student I was. Ghoss! I am no more studying. In our school life I got really great people who are, indeed my friends till date. Unki tarif k

ABOUT HER

Dearest of the dear, illuminant of delight - so sheer; Beloved of the Roses, Heart of the daisies; Smile of sunflower, as pleasure of dower; feathery moon like aura, calm and easing; lumen is your word pacifies raging sword; so easy and so warm so lucid and so firm; your walk in my world, like a saviour - Herald; you are a merry feeling, for every ail-one healing; Your happiness is my wish My lovely, dear Sis. -Gaurav

DESIRE OF BEING

For the mornings of delight I'll guard you in your flight For the early start of day I'll keep you on the sway For the lovely after noons I'll prey the sun to stay. For your wish to see the setting sun I'll wait till it happen. For the twinkle of your smile I'll stake all my life. For the lovely beautiful girl I'll get every single pearl For the cutest thing I get, I'll be cutest - I bet For the one I love  I'll write these sort of doves. For every of her joy I'll always be on ploy. For the moments that will creep I'll keep them into deep For my lovely little girl I'll be and I'll be something if not all. - Gaurav

Book Review

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Loosing my virginity and other Dumb ideas - Madhuri Banerjee From its cover to the pages, 232 of them if I correctly recall it, its a book full of thoughtful words and chapters that uncovers some unrevealed ideas of a human mind specifically of women. It talks through Kaveri. It contains some explicit material - yes! But that too for a purpose of disclosure of feelings dugged in lustful moments. Love, relations, career and ideology are some PowerPoints of this book. This book is above the odds and a nice read.  Enjoyment and good humor are always there and the most important ingredient that completes our soul- love.

Pencil

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Into the classroom Smiles all around, 3rd row, 2nd position. She was sitting beside a blonde figure, no matter whom she accompanies, she is the Goddess`s daughter. I was sitting 1st row corner, just parallel to her. Very rarely I could catch her glimpse. I wonder I could be her... PENCIL. Her pencil that she might be using it as a small stick to tap on her fist full of drizzled sweating, if I would be her pencil she might have used me as her part time comb to adjust her flock of hair hanging loosely from the corner of her ears, if I would be her pencil, she would use me to press the petals of her lips while she`ll be filled with nostalgia. At times she`ll lick the pencil (me)when she`ll get deeper in her thoughts without having slightest notice of my existance in her beautiful hands. I could taste her lips, the beautiful rose-petals like, pinkish and soft, as if some new kind of flavor is there. Thanks to God to show such shef like talent by creating a new taste her lips, her

Interview

A day dreaming Date: Saturday 2011 Venue:  Interview Hall, Fiber2 fashion’s Office  I was waiting for my turn for the Interview. Attendant shouted “Number 9” Ohh! That’s me. I entered the room for P.I session. I saw a beautiful girl of about my age waiting for me, She was fair and looked cute. Shuru wore corporate suit yet looked a diva. For the first five seconds I was gathering my heart beats that were rolling all over the ground I don’t know why but she reminded me of someone. Someone about whom I still feel guilty. It was when I was in class fifth, yeap!! I have also been in class fifth guys but i bet you, my class fifth was a bit different from yours. First day in a new school. Actually papa got a new posting so we had to switch. It was all fun there but funnier here. Our family has got plenty of friends there on the very first day. Sardar uncle, Mahima aunty, Unki Beti Ilu...She was cute. But my biggest fear was waiting for me. New Sch